“Keep your dreams alive. Understand to achieve anything requires faith and belief in yourself, vision, hard work, determination, and dedication. Remember all things are possible for those who believe.” – Gail Devers
स्वप्न क्या हैं, एक विज़न, एक लक्ष्य, एक इच्छा। और ये हम सब जानते हैं कि जब हम सफल होना चाहते हैं, कुछ कर गुज़रना चाहते हैं तो हमें इसी स्वप्न की आवश्यकता होती है जो हमें सोने नहीं देता और हम जागते हुए उस सपने को पूरा करने के लिए अपना सब कुछ अर्पण कर देते हैं। हमारे सपने पूरे होंगे कि नहींयहइसबातपरनिर्भरकरताहैकिहमकितनेदृढ़प्रतिज्ञहैं,हमारेअंदरकितनीलगनहै।
सपनों को पूरा करने के रास्ते में सफलता भी मिल सकती है और असफलता भी लेकिन अगर हम इस बात को समझ सकते हैं कि असफलता और सफलता दोनों ही उस स्वप्न तक पहुंचने के लिए अहम भूमिका निभाते हैं तो हम कभी भी अपने मार्ग से विचलित नहीं होंगे। परंतु अगर हम असफलताओं से घबराकर बीच में ही अपना मार्ग बदल लेंगे या हार मान कर लौट जाएंगे तो संभव है हम वहीं पहुंच जाएंगे जहां से हमने प्रारंभ किया था। इसलिए जब अपने सपनों की मंजिल के रास्ते में बाधाएं आएं, चाहे परिस्थितियों के रूप में या व्यक्ति विशेष के रूप में और असफलता की सुरसा मुंह खोल कर खड़ी हो तब भी हमें अपने सपने, अपने लक्ष्य से दूर नहीं होना है बल्कि उस असफलता को सफलता में बदलने का प्रयास करना है अर्थात संघर्ष करके उस प्रतिकूल परिस्थिति को अनुकूल बनाना है और अपने सपने की ओर एक कदम और आगे बढ़ जाना है।
इस गूढ़ तथ्य को हमेशा के लिए मन मस्तिष्क में संजो कर चलने वाले व्यक्ति को कभी भी अपनी विफलताओं के कारण अपने सपने बदलने पर विवश नहीं होना पड़ता है। जब हम इस बात को अपने ध्यान में रखते हैं कि हमारे सपने तक पहुंचने वाले मार्ग का निर्देशन हमारे रास्ते में आने वाली मुश्किलों और विफलताओं ने नहीं, अपितु हमने स्वयं करना है तो हमें हमारे सन्मार्ग से कोई भी विचलित नहीं कर सकता।
So remember, We have to take charge of our dreams…we have to have control of our lives.
मुश्किलों का भी मुस्कुरा कर स्वागत करना होगा, कुछ इस तरह कि मुश्किलें भी हमें हमारे संकल्प की ओर ले जाने में ऊर्जा और संचार भरने का कार्य करें। विश्वास कीजिए कि हमें इतना दृढ़ प्रतिज्ञ होना ही पड़ेगा, इतना जुझारू इतना लगनशील बनना ही पड़ेगा। अगर हम सही मार्ग पर चलकर धैर्य के साथ अपने सपनों का पीछा करने का साहस रखते है तो दु निया की कोई भी ताकत हमें हमारे सपने से मिलने से रोक नहीं सकती। साहस ही जीवन में अद्भुत सफलताएं दिलवाता है। सपनों को पाने के लिए साहस की आवश्यकता होती है। साहस, अपरिचित मार्गों पर चलने का साहस, कुछ नया खोजने का साहस, नए रास्ते बनाने का साहस, असंभव को संभव करने का साहस, सारी सीमाओं को तोड़कर मार्ग में आने वाली बाधाओं को पार करके अपने सपने तक पहुंचने का साहस। इसके अतिरिक्त अपने सपनों को पूरा करने के लिए अगर किसी और चीज की जरूरत होती है तो वो है अपनी जीवनशैली में थोड़ा सा बदलाव। अपने कंफर्ट ज़ोन से बाहर निकलकर अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना। अपने सपने की तरफ एक समय में एक एक छोटा कदम लेकर जब हम अपने सपने तक पहुंचते हैं तो हम वहां पर देर तक टिके रह सकते हैं। छलांग लगाकर, शॉर्टकट मारकर प्राप्त किया हुआ सपना भी छोटे मार्ग की तरह क्षणिक ही होता है।
इसके साथ ही हमें यह बात भी स्वीकार करनी होगी कि हमारे आसपास का परिवेश हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब परिस्थितियां अनुकूल हों, वातावरण सकारात्मक हो तो रास्ते सुगम हो जाते हैं। मगर इसके विपरीत कोई भी प्रतिकूल परिस्थिति अथवा परिवेश हमारे सपने को पूरा करने में बाधा बन सकते हैं पर ऐसे समय में भी हमें यह याद रखना है कि वर्तमान में जो परिस्थितियां हैं वह हमेशा नहीं रहेंगी। कोहरा छटेगा, आसमान साफ होगा, नया सूरज निकलेगा इसलिए उन परिस्थितियों से उबरने के बाद पुनः हमें अपने सपनों तक पहुंचने की कोशिश करनी ही होगी। वैसे भी वो सपना ही क्या, वो लक्ष्य ही क्या जिसे हम भुला दें । सम विषम परिस्थितियां हर किसी के जीवन में आती हैं मगर सफल इंसान वही बनता है जो इन परिस्थितियों के गुजर जाने के बाद किसी ना किसी रूप से वापस अपने सपने पर अपना ध्यान केंद्रित करके उसे उस समय की परिस्थितियों के अनुसार प्राप्त करने की कोशिश करता है चाहे उसमें आवश्यकतानुसार परिस्थिति वश थोड़ा सा बदलाव भी क्यों न करना पड़े। अगर आप ऐसा करके अपने स्वप्न को प्राप्त नहीं करेंगे तो आपको जीवन भर पछतावा रहेगा क्योंकि स्वप्न पूरा न हो पाने की टीस बहुत सालती है।
जीवन से सीख लेने वाली बात यह है कि हमें उम्मीद कभी नहीं छोड़नी चाहिए, हार कभी नहीं माननी चाहिए क्योंकि जब हम कुछ नहीं कर सकते हैं तब भी हम कोशिश तो कर ही सकते हैं और वही छोटे-छोटे प्रयत्न छोटी-छोटी कोशिशें हमें हमारे सपने तक, अपने लक्ष्य तक लेकर जाती हैं और अपना लक्ष्य प्राप्त करके जब हम अपनी उपलब्धियों और उन तक पहुंचने वाली उतार-चढ़ाव से भरी यात्रा को दुनिया के साथ साझा करते हैं तो तालियों की गड़गड़ाहट के बीच प्रशंसा के पुष्पों की बरसात में होने वाले गर्व का अनुभव ही हमारे सपनों का चरमोत्कर्ष होता है। बस यही तो है उड़ान सपनों की….
स्क्वाड्रन लीडर राखी अग्रवाल (सेवानिवृत्त)की कलम से