इतिहास में दर्ज वह तारीख है 28 jul 1914 जब चार साल तक दुनिया को हिलाकर रख देने वाला प्रथम विश्व युद्ध, धरती के सीने को चीर कर रख देने वाला वो युद्ध आज ही के दिन शुरू हुआ था और 4 साल, 3 महीने और 2 हफ्ते तक चला। इसे अबतक का सबसे विनाशकारी युद्ध भी माना जाता है। प्रथम विश्व युद्ध में करीब 90 लाख सैनिकों और 70 लाख आम नागरिकों की मौत हुई थी। इसमें 30 से ज्यादा देशों ने हिस्सा लिया।
प्रथम विश्व युद्ध में अविभाजित भारत प्रत्यक्ष तौर पर भले ही शामिल नहीं था, लेकिन युद्ध में बड़ी भूमिका जरूर निभाई थी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेजा मे ने पिछले सप्ताह ब्रिटिश संसद में भारतीय सैनिकों की शहादत को याद कर कहा कि इस युद्ध में ब्रिटेन की विजय में अविभाजित भारत के योगदान को नहीं भूल सकते। भारत से 13 लाख से अधिक आदमी और 1.7 लाख से अधिक जानवरों को युद्ध क्षेत्र में भेजा गया , आज के रुपए की गणना में 20 बिलियन डॉलर से ज्यादा का धन भारत से युद्ध क्षेत्र में खर्च किया गया। 74,000 भारतीय सैनिक शहीद हुए और 11 को वीरता के लिए विक्टोरिया क्रॉस भी दिया गया
युद्ध में भारत की तरफ से भेजे गए लाखों लोगों में ज्यादातर को सैन्य प्रशिक्षण भी नहीं मिला था , जब भारत में समुद्र यात्रा को भी अशुभ माना जाता था, उस वक्त कुछ हजार या 2-4 लाख नहीं, बल्कि 11 लाख भारतीय सैनिकप्रथम विश्व युद्ध में हिस्सा ले रहे थे। इन सैनिकों ने समंदर पार दूसरे देशों में अपने शौर्य, पराक्रम और जांबाजी का लोहा मनवाया। चार साल तक चले प्रथम विश्व युद्ध में करीब 74 हजार भारतीय सैनिक शहीद हुए। करीब 70 हजार अन्य भारतीय जख्मी हुए। आज दुनियाभर में उनकी शहादत को याद किया जा रहा है। पश्चिमी क्षेत्र में भारतीय सैनिकों की साहसिक भागीदारी को लेकर कोई दो राय नहीं है। अविभाजित भारत से जिस जत्थे को युद्ध के लिए भेजा गया था वह बहुआयामी था। उसमें कई जाति, अलग-अलग भाषा बोलनेवाले शिक्षित, निरक्षर और अलग धार्मिक मान्यताओं वाले सैनिक थे। यही वजह रही कि भारतीय सैनिकों के लिखित दस्तावेज कम मिले। हालांकि, ब्रिटिश लाइब्रेरी में एक अनाम सैनिक का पत्र हाल ही में सार्वजनिक हुआ है, जिसमें सैनिक ने युद्ध की भयावहता की तुलना महाभारत के युद्ध से की।
1. 1914 से 1919 के मध्य यूरोप, एशिया और अफ्रीका तीन महाद्वीपों के जल, थल और आकाश में प्रथम विश्व युद्ध लड़ा गया.
2. प्रथम विश्वयुद्ध लगभग 52 महीने तक चला और उस समय की पीढ़ी के लिए यह जीवन की दृष्टि बदल देने वाला अनुभव था. करीब आधी दुनिया हिंसा की चपेट में चली गई और इस दौरान अनुमानतः एक करोड़ लोगों की जान गई और इससे दोगुने घायल हो गए.
3. प्रथम विश्व युद्ध को the great war के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा इसलिए कहा जाता है कि इस तरह के युद्ध की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी.
4. यह महायुद्ध यूरोप, एशिया व अफ़्रीका तीन महाद्वीपों और समुंदर, धरती और आकाश में लड़ा गया था.
5. इस युद्ध में 37 देशों ने प्रथम विश्वयुद्ध में भाग लिया.
6. युद्ध का तात्कालिक कारण ऑस्ट्रिया के राजकुमार फर्डिंनेंड की हत्या था.
7. जून 1914 में, ऑस्ट्रिया के राजकुमार फर्डिनेंड हत्या कर दी गई जिसके बाद 28 जुलाई को सर्बिया के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी गयी.
8. जब यह युद्ध आरम्भ हुआ था उस समय भारत औपनिवेशिक शासन के अधीन था. यह भारतीय सिपाही सम्पूर्ण विश्व में अलग-अलग लड़ाईयों में लड़े.
9. युद्ध आरम्भ होने के पहले जर्मनों ने पूरी कोशिश की थी कि भारत में ब्रिटेन के विरुद्ध आन्दोलन शुरू किया जा सके. बहुत से लोगों का विचार था कि यदि ब्रिटेन युद्ध में लग गया तो भारत के क्रान्तिकारी इस अवसर का लाभ उठाकर देश से अंग्रेजों को उखाड़ फेंकने में सफल हो जाएंगे.
10. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुल 8 लाख भारतीय सैनिक इस युद्ध में लड़े जिसमें कुल 47746 सैनिक मारे गये और 65000 जख्मी हुए. इस युद्ध के कारण भारत की अर्थव्यवस्था लगभग दिवालिया हो गयी थी.
11. भारत के बड़े नेताओं द्वारा इस युद्ध में ब्रिटेन को समर्थन ने ब्रिटिश चिन्तकों को भी चौंका दिया था. भारत के नेताओं को आशा थी कि युद्ध में ब्रिटेन के समर्थन से खुश होकर अंग्रेज भारत को इनाम के रूप में स्वतंत्रता दे देंगे या कम से कम स्वशासन का अधिकार देंगे किन्तु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
12. 28 जुन,1919 को जर्मनी के सामने फ्रांस इटली, ब्रिटेन और सहयोगी थे. दोनों पक्षों के बीच वर्सलेस संधि पर दस्तखत हुए और युद्ध का आधिकारिक अंत हुआ.