यदि आप स्वयं या अपनी संतान को एक आदर्श और मर्यादापूर्ण जीवन् जीना सिखाना चाहते हैँ तो ईन ग्रंथो का अध्ययन जरूर से करे व करायें।
अपने माता-पिता,समाज और राष्ट्र के प्रति आदरभाव और कर्तव्यनिष्ठता सिखाने के लिए इन ग्रंथों का वाचन महत्वपूर्ण है।
आज की शिक्षा प्रणाली ने समाज में नई पीढी और पुरानी पीढी के बीच संघर्ष को जन्म दिया है…. समाज में शिक्षित युवाओं का आत्महत्या का प्रमाण भी बढ़ाया है…
अगणित वृद्धाश्रम को जन्म दिया है…. भ्रष्टाचार को जन्म दिया है…. देश में सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक अपराधियो में बढ़ोतरी हुई है… और हमारे समाज एवं देश के प्रति संवेदनशील नागरिकों का अभाव खडा किया है….
अपने मूल, अपनी सर्वश्रेष्ठ संस्कृति, अपने महान इतिहास और अपने मनुष्य जीवन के परम् ध्येय से अपनी संतान का परिचय अवश्य करायें।
बहुत से ऑनलाइन माध्यमों से इन सब ग्रंथों, वेदों व पुराणों व विचारों की शिक्षा दी जा रही है कृपया उन्हें अवश्य गंभीरता से लें यह आपके समय का बहुमूल्य उपयोग होगा जो जीवन भर कभी ना कभी किसी ना किसी रूप में आपके काम आएगा।
प्रणाम!