आजादी का अमृत महोत्सव

आजादी का अमृत महोत्सव

देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर 75 सप्ताह पूर्व आजादी का अमृत महोत्सव प्रारंभ हो चुका है। पूरे देश भर में यह महोत्सव हर्षोल्लास के साथ उत्सव के रूप में मनाया जाएगा और हमारे संस्कार यज्ञ के लिए गर्व की बात है कि आजादी के अमृत महोत्सव में जिस प्रकार के क्रियाकलापों को आगे बढ़ाया जा रहा है करने के लिए कहा जा रहा है वह प्रारंभ से ही हमारे संस्कार यज्ञ के प्रारूप का एक अहम हिस्सा रहा है और आगे भी रहेगा और विशेष रुप से अगस्त माह को हम समर्पित भाव से आजादी अमृत महोत्सव संबंधित गतिविधियों के अनुरूप ही मनाएंगे। तो फिर देर किस बात की है॰॰॰

आप लोग भी अपने वीर नायकों को आज़ादी की घटनाओं को, आज़ादी के दिनों को, उस भीषण काल को याद करिए जिसने आप को आज का स्वर्णिम दिन दिखाया है और उन वीरों को श्रद्धांजलि स्वरुप अपने भाव अर्पित कर कुछ कर दिखाइए… किसी भी ललित कला के रूप में अपने आप को पटल पर ले कर आइए उन नायकों के लिए भी हमारी इस त्रैमासिक की थीम कितनी उपयुक्त बैठती है कि

“मन के हारे हार है मन के जीते जीत” – और यही भावना रखकर अपना सब कुछ हार के भी, सर्वोच्च बलिदान करके भी हमको जीत का सुख भोगने के लिए स्वयं मृत्यु को हंस के गले लगा लिया…

शहीदों के जज्बातों को नमन
शहीदों को नमन
भारत मां को नमन
भारत वन्देमातरम्

साभार
संस्कार यज्ञ

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