सत्संगति
बुरी आदत कभी भी व्यक्ति के पतन का कारण बन सकती है, जैसे जुए की आदत ने युधिष्ठिर और पांडवों को कष्ट सहने पर मजबूर कर दिया. कभी-कभी अपने अधिकारों…
बुरी आदत कभी भी व्यक्ति के पतन का कारण बन सकती है, जैसे जुए की आदत ने युधिष्ठिर और पांडवों को कष्ट सहने पर मजबूर कर दिया. कभी-कभी अपने अधिकारों…
काकोरी कांड के लिए अंग्रेजों ने बिस्मिल, अशफाक, लाहिड़ी और रोशन सिंह को फांसी दे दी थी ….. 09 अगस्त 1925 को श्री चंद्रशेखर आजाद, श्री राम प्रसाद (तोमर) बिस्मिल,…
संन्यास लेने पर स्वामी विवेकानन्द ने एकान्तवास सेवन कर योगाभ्यास किया। विदेशों में भी वे जब तब एकान्त वास करते थे। पैर में सादा देशी जूता, कमर में कौपीन, शरीर…
बंगाल प्रान्त में उन दिनों “ब्रह्म समाज” सम्प्रदाय का प्रचार दिनों-दिन बढ़ रहा था, जिसके संस्थापक राजा राममोहन राय थे। नरेन्द्र पहले ब्रह्म समाज में शामिल हुए। थोड़े ही दिनों…
संस्कार यज्ञ से जुड़े हुए साथियों हमारे दूसरे क्वार्टर की थीम जो कि स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित है एक बहुत ही महत्वपूर्ण थीम है और जैसा…
शिष्य होने का अर्थ क्या है? शिष्य होने का अर्थ है पूरे अस्तित्व के प्रति खुले होना। हर समय हर ओर से सीखने को तैयार रहना।जीवन का हर क्षण, चाहे…
वेद, पुराण, गीता और स्मृतियों में उल्लेखित चार पुरुषार्थ- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक सनातनी को कर्तव्यों के प्रति जाग्रत रहना चाहिए। ऐसा ज्ञानीजनों…
जीवन की उन्नति जो कि धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति का साधन है, के लिए जो-जो शिक्षा, वेदाध्ययन आदि कार्य व क्रियाकलाप किये जाते हैं वह संस्कार कहलाते…
भारतीय परंपरा के अनुसार मनुष्य का प्रत्येक कृत्य संस्कारयुक्त होना चाहिए । सनातन धर्म ने प्रत्येक जीव को सुसंस्कृत बनाने हेतु गर्भधारणा से विवाह तक प्रमुख सोलह संस्कार बताए हैं…
बहुत जरूरी विषय है शिक्षा , बच्चा जन्म लेता है उसकी आंखे नजर बैठती नही और मां पिता की दिली तमन्ना होने लगती की उनका बच्चा कुछ सीखे कम से…