Theme Based Content – चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व – हनुमान चालीसा में छिपे जीवन प्रबंधन के सूत्र

कई लोगों की दिनचर्या हनुमान चालीसा पढ़ने से शुरू होती है। पर क्या आप जानते हैं कि श्री *हनुमान चालीसा में 40 चौपाइयां हैं, ये उस क्रम में लिखी गई…

0 Comments

महाभारत का नवसार सूत्र

अगर आपके पास महाभारत को पढ़ने का समय न हो तो भी इसका नवसार सूत्र को जान लें…..क्योंकि हमारे जीवन में यह काफी उपयोगी सिद्ध हो सकता है :- संतानों…

0 Comments

भारतीय संस्कृति – ज्ञान की बातें

संस्कार यज्ञ विशेष 1-अष्टाध्यायी पाणिनी2-रामायण वाल्मीकि3-महाभारत वेदव्यास4-अर्थशास्त्र चाणक्य5-महाभाष्य पतंजलि6-सत्सहसारिका सूत्र नागार्जुन7-बुद्धचरित अश्वघोष8-सौंदरानन्द अश्वघोष9-महाविभाषाशास्त्र वसुमित्र10- स्वप्नवासवदत्ता भास11-कामसूत्र वात्स्यायन12-कुमारसंभवम् कालिदास13-अभिज्ञानशकुंतलम् कालिदास14-विक्रमोउर्वशियां कालिदास15-मेघदूत कालिदास16-रघुवंशम् कालिदास17-मालविकाग्निमित्रम् कालिदास18-नाट्यशास्त्र भरतमुनि19-देवीचंद्रगुप्तम विशाखदत्त20-मृच्छकटिकम् शूद्रक21-सूर्य सिद्धान्त आर्यभट्ट22-वृहतसिंता बरामिहिर23-पंचतंत्र। विष्णु…

0 Comments

Theme Based Content – “चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व” – रामायण, महाभारत और भगवद् गीता मनुष्य जीवन के उत्तम मार्गदर्शक ग्रंथ

यदि आप स्वयं या अपनी संतान को एक आदर्श और मर्यादापूर्ण जीवन् जीना सिखाना चाहते हैँ तो ईन ग्रंथो का अध्ययन जरूर से करे व करायें। अपने माता-पिता,समाज और राष्ट्र…

0 Comments

कर्तव्य निर्वहन – राष्ट्र ऋणी रहेगा ऐसे योद्धाओं का

कितना बड़ा कलेजा चाहिए एक्के सैंतालीस की नली के सामने अपनी छाती कर के सैकड़ों लोगों को मार चुके राक्षस का गिरेबान पकड़ने के लिए… एक गोली, दो गोली, दस…

0 Comments

वैदिक पद्धति संस्कृति एवं संस्कार

सुबह-सुबह क्यों अपनी हथेलियों के दर्शन माने जाते हैं.. शुभ ? शास्त्रों में भी जागते ही बिस्तर पर सबसे पहले बैठकर दोनों हाथों की हथेलियों (करतल) के दर्शन का विधान…

0 Comments

Theme Based Content – युवा प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद – व्यक्तित्व एवं कृतित्व – क्रमबद्ध श्रंखला – स्वामी विवेकानंद – एक जिज्ञासा : – सन्यासी स्वामी विवेकानंद – 3

संन्यास लेने पर स्वामी विवेकानन्द ने एकान्तवास सेवन कर योगाभ्यास किया। विदेशों में भी वे जब तब एकान्त वास करते थे। पैर में सादा देशी जूता, कमर में कौपीन, शरीर…

0 Comments

Theme Based Content – युवा प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद – व्यक्तित्व एवं कृतित्व – क्रमबद्ध श्रंखला – स्वामी विवेकानंद – एक जिज्ञासा : – ज्ञान पिपासु युवा नरेंद्र – 2

बंगाल प्रान्त में उन दिनों “ब्रह्म समाज” सम्प्रदाय का प्रचार दिनों-दिन बढ़ रहा था, जिसके संस्थापक राजा राममोहन राय थे। नरेन्द्र पहले ब्रह्म समाज में शामिल हुए। थोड़े ही दिनों…

0 Comments

Theme Based Content – युवा प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद – व्यक्तित्व एवं कृतित्व – क्रमबद्ध श्रंखला – स्वामी विवेकानंद – एक जिज्ञासा : – बचपन का नरेंद्र – 1

संस्कार यज्ञ से जुड़े हुए साथियों हमारे दूसरे क्वार्टर की थीम जो कि स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित है एक बहुत ही महत्वपूर्ण थीम है और जैसा…

0 Comments

Theme Based Content – “युवा प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद – व्यक्तित्व एवं कृतित्व” – शिष्य होने का अर्थ

शिष्य होने का अर्थ क्या है? शिष्य होने का अर्थ है पूरे अस्तित्व के प्रति खुले होना। हर समय हर ओर से सीखने को तैयार रहना।जीवन का हर क्षण, चाहे…

0 Comments