Theme Based Content – चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व – दान एवं पुण्य

वेद, पुराण, गीता और स्मृतियों में उल्लेखित चार पुरुषार्थ- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक सनातनी को कर्तव्यों के प्रति जाग्रत रहना चाहिए। ऐसा ज्ञानीजनों…

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Theme Based Content – “चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व” – श्रेष्ठ संस्कार से ही श्रेष्ठ समाज का निर्माण होता है

जीवन की उन्नति जो कि धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति का साधन है, के लिए जो-जो शिक्षा, वेदाध्ययन आदि कार्य व क्रियाकलाप किये जाते हैं वह संस्कार कहलाते…

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Theme Based Content – “चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व” – सोलह संस्कारों के उद्देश्य

भारतीय परंपरा के अनुसार मनुष्य का प्रत्येक कृत्य संस्कारयुक्त होना चाहिए । सनातन धर्म ने प्रत्येक जीव को सुसंस्कृत बनाने हेतु गर्भधारणा से विवाह तक प्रमुख सोलह संस्कार बताए हैं…

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Theme Based Content – “ चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व” – शिक्षा और संस्कार

बहुत जरूरी विषय है शिक्षा , बच्चा जन्म लेता है उसकी आंखे नजर बैठती नही और मां पिता की दिली तमन्ना होने लगती की उनका बच्चा कुछ सीखे कम से…

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Theme Based Content – “चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व” – १६ संस्कार

सनातन अथवा हिन्दू धर्म की संस्कृति संस्कारों पर ही आधारित है। हमारे ऋषि-मुनियों ने मानव जीवन को पवित्र एवं मर्यादित बनाने के लिये संस्कारों का अविष्कार किया। धार्मिक ही नहीं…

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Theme Based Content – “चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व” – भगवान पर विश्वास

राम दी चिड़िया,राम दा खेत​।चुगलो चिड़ियों भर भर पेट जब गुरु नानक देव जी किशोर अवस्था के थे, उन्हें उनके पिता ने फसलों की देखरेख के लिए खेत भेजा वे…

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भक्ति में ही शक्ति है

भक्ति में ही शक्ति है जब सारे विश्व में एकेश्वरवाद पर आध्यात्मिक शोध चल रहे थे तब भारत में रामकृष्ण परमहंस जैसे विलक्षण संत काली की मूर्ति से घंटों बतियाते…

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