Theme Based Content – युवा प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद – व्यक्तित्व एवं कृतित्व – क्रमबद्ध श्रंखला – स्वामी विवेकानंद – एक जिज्ञासा : – सन्यासी स्वामी विवेकानंद – 3

संन्यास लेने पर स्वामी विवेकानन्द ने एकान्तवास सेवन कर योगाभ्यास किया। विदेशों में भी वे जब तब एकान्त वास करते थे। पैर में सादा देशी जूता, कमर में कौपीन, शरीर…

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Theme Based Content – युवा प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद – व्यक्तित्व एवं कृतित्व – क्रमबद्ध श्रंखला – स्वामी विवेकानंद – एक जिज्ञासा : – ज्ञान पिपासु युवा नरेंद्र – 2

बंगाल प्रान्त में उन दिनों “ब्रह्म समाज” सम्प्रदाय का प्रचार दिनों-दिन बढ़ रहा था, जिसके संस्थापक राजा राममोहन राय थे। नरेन्द्र पहले ब्रह्म समाज में शामिल हुए। थोड़े ही दिनों…

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Theme Based Content – युवा प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद – व्यक्तित्व एवं कृतित्व – क्रमबद्ध श्रंखला – स्वामी विवेकानंद – एक जिज्ञासा : – बचपन का नरेंद्र – 1

संस्कार यज्ञ से जुड़े हुए साथियों हमारे दूसरे क्वार्टर की थीम जो कि स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित है एक बहुत ही महत्वपूर्ण थीम है और जैसा…

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Theme Based Content – “युवा प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद – व्यक्तित्व एवं कृतित्व” – शिष्य होने का अर्थ

शिष्य होने का अर्थ क्या है? शिष्य होने का अर्थ है पूरे अस्तित्व के प्रति खुले होना। हर समय हर ओर से सीखने को तैयार रहना।जीवन का हर क्षण, चाहे…

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Theme Based Content – चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व – दान एवं पुण्य

वेद, पुराण, गीता और स्मृतियों में उल्लेखित चार पुरुषार्थ- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक सनातनी को कर्तव्यों के प्रति जाग्रत रहना चाहिए। ऐसा ज्ञानीजनों…

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Theme Based Content – “चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व” – श्रेष्ठ संस्कार से ही श्रेष्ठ समाज का निर्माण होता है

जीवन की उन्नति जो कि धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति का साधन है, के लिए जो-जो शिक्षा, वेदाध्ययन आदि कार्य व क्रियाकलाप किये जाते हैं वह संस्कार कहलाते…

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Theme Based Content – “चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व” – सोलह संस्कारों के उद्देश्य

भारतीय परंपरा के अनुसार मनुष्य का प्रत्येक कृत्य संस्कारयुक्त होना चाहिए । सनातन धर्म ने प्रत्येक जीव को सुसंस्कृत बनाने हेतु गर्भधारणा से विवाह तक प्रमुख सोलह संस्कार बताए हैं…

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Theme Based Content – “ चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व” – शिक्षा और संस्कार

बहुत जरूरी विषय है शिक्षा , बच्चा जन्म लेता है उसकी आंखे नजर बैठती नही और मां पिता की दिली तमन्ना होने लगती की उनका बच्चा कुछ सीखे कम से…

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Theme Based Content- “चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व” – भगिनी निवेदिता

भगिनी निवेदिता की जन्म जयंती २८ अक्तूबर २०२० एक अत्यन्त उज्जवल चरित्र जिसका आत्म-बलिदान हमारी मातृभूमि का गौरव है, यहां मूर्तिमान हो हमें प्रेरणा दे रहा है: भगिनी निवेदिता, जिनके…

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Theme Based Content – “चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व” – महत्वपूर्ण संदेश

संसार में दो प्रकार के पेड़ पौधे होते हैं.. प्रथम - अपना फल स्वयं दे देते हैं... जैसे - आम, अमरुद, केला इत्यादि । द्वितीय - अपना फल छिपाकर रखते…

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