भारतीय संस्कृति – ज्ञान की बातें

संस्कार यज्ञ विशेष 1-अष्टाध्यायी पाणिनी2-रामायण वाल्मीकि3-महाभारत वेदव्यास4-अर्थशास्त्र चाणक्य5-महाभाष्य पतंजलि6-सत्सहसारिका सूत्र नागार्जुन7-बुद्धचरित अश्वघोष8-सौंदरानन्द अश्वघोष9-महाविभाषाशास्त्र वसुमित्र10- स्वप्नवासवदत्ता भास11-कामसूत्र वात्स्यायन12-कुमारसंभवम् कालिदास13-अभिज्ञानशकुंतलम् कालिदास14-विक्रमोउर्वशियां कालिदास15-मेघदूत कालिदास16-रघुवंशम् कालिदास17-मालविकाग्निमित्रम् कालिदास18-नाट्यशास्त्र भरतमुनि19-देवीचंद्रगुप्तम विशाखदत्त20-मृच्छकटिकम् शूद्रक21-सूर्य सिद्धान्त आर्यभट्ट22-वृहतसिंता बरामिहिर23-पंचतंत्र। विष्णु…

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Theme Based Content – “चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व” – रामायण, महाभारत और भगवद् गीता मनुष्य जीवन के उत्तम मार्गदर्शक ग्रंथ

यदि आप स्वयं या अपनी संतान को एक आदर्श और मर्यादापूर्ण जीवन् जीना सिखाना चाहते हैँ तो ईन ग्रंथो का अध्ययन जरूर से करे व करायें। अपने माता-पिता,समाज और राष्ट्र…

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Theme Based Content – “चरित्र एवं व्यक्तित्व के निर्माण में नीति-नियम अनुशासन और संस्कारों का महत्व” – ब्रह्ममहूर्त में उठने की परंपरा

रात्रि के अंतिम प्रहर को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार यह समय निद्रा त्याग के लिए सर्वोत्तम है।…

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जन्मदिन का उपहार – नेत्रदान और देहदान ! क्या आप तैयार हैं ?

यह सिर्फ एक कहानी नहीं बल्कि आपसे एक बात पूछनी है मैं सुचित्रा, आज मेरा जन्मदिन है !! सचिन ने सुबह ही कहा :- "आज कुछ बनाना नहीं। लंच के…

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कर्तव्य निर्वहन – राष्ट्र ऋणी रहेगा ऐसे योद्धाओं का

कितना बड़ा कलेजा चाहिए एक्के सैंतालीस की नली के सामने अपनी छाती कर के सैकड़ों लोगों को मार चुके राक्षस का गिरेबान पकड़ने के लिए… एक गोली, दो गोली, दस…

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वैदिक पद्धति संस्कृति एवं संस्कार

सुबह-सुबह क्यों अपनी हथेलियों के दर्शन माने जाते हैं.. शुभ ? शास्त्रों में भी जागते ही बिस्तर पर सबसे पहले बैठकर दोनों हाथों की हथेलियों (करतल) के दर्शन का विधान…

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अतुल्य भारत – पुरानी संस्कृति वाला वैभवशाली भारत

हल खींचते समय यदि कोई बैल गोबर या मूत्र करने की स्थिति में होता था तो किसान कुछ देर के लिए हल चलाना बन्द करके बैल के मल-मूत्र त्यागने तक…

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जीवन का प्रबंधन

विचारणीय!! मैं अभी हाल ही में एक गृह प्रवेश की पूजा में गयी थी, वहां गायत्री परिवार के पंडितजी पूजा करवा रहे थे।पंडितजी ने सबको हवन में शामिल होने के…

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बड़ा लक्ष्य बड़े त्याग के बिना नहीं संभव

आप किसी वस्तु क्रय करने बाजार जाते है तो उसका एक उचित मूल्य अदा करने पर ही उसे प्राप्त करते है। इसी प्रकार जीवन में भी हम जो प्राप्त करते…

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सत्संगति

बुरी आदत कभी भी व्यक्ति के पतन का कारण बन सकती है, जैसे जुए की आदत ने युधिष्ठिर और पांडवों को कष्ट सहने पर मजबूर कर दिया. कभी-कभी अपने अधिकारों…

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