वेद विद्या में आर्य संस्था गुरुकुलों और आश्रमों की भूमिका

वेद विद्या अर्थात् आर्ष-ग्रंथ, आर्षपाठ-विधि की रक्षा. प्रचार और प्रसार में आर्य संस्था गुरुकुलों और आश्रमों की भूमिका--एक विवेचन महर्षि दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना के समय यह…

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Divine Langauge SANSKRIT

Power of divine langauge SANSKRIT Sanskrit , a magical language There is no need of particular sentence structure for Sanskrit.Like, In English:- Subject +Verb + ObjectEx:- I am writing an…

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श्रीमद्भगवद्गीता के लोकप्रिय श्लोक

श्रीमद्भगवद्गीता दुनिया के वैसे श्रेष्ठ ग्रंथों में है, जो न केवल सबसे ज्यादा पढ़ी जाती है, बल्कि कही और सुनी भी जाती है. ये हैं श्रीमद्भगवद्गीता के 10 सबसे लोकप्रिय…

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बाण स्तंभ – सोमनाथ मंदिर

क्या आप विश्वास करेंगे कि भारतीयों को ध्रुवों का ज्ञान आज से हजारों साल पहले हो चुका था ?यह सोमनाथ मंदिर में स्थित बाण स्तंभ है, जिसका उल्लेख छठवीं शताब्दी…

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यक्ष प्रश्न प्रसंग

महाकाव्य महाभारत के अरण्यपर्व में, यक्ष और युधिष्ठिर के बीच जो संवाद हुआ, वही यक्ष प्रश्न प्रसंग है। सभी के जीवन से जुड़े उन प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए…

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विश्व धर्म महासभा, शिकागो

स्वामी विवेकानन्द का भाषण विश्व बन्धुत्व दिवस पर विश्व धर्म महासभा, शिकागो (11 सितम्बर 1893) स्वामी विवेकानन्द का भाषण- अमेरिकावासी बहनो तथा भाईयो, आपने जिस सौहार्द और स्नेह के साथ…

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एक विनम्र व्यक्तित्व लाल बहादुर शास्त्री

शास्त्री जी जब रेलमंत्री थे उस वक्त उन्होंने माँ को नहीं बताया था कि वो रेलमंत्री हैं, बल्कि ये बताया कि वे रेलवे में नौकर हैं। इसी दौरान मुगलसराय में…

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सम्राट पृथ्वीराज चौहान

आखिर कौन थे सम्राट पृथ्वीराज चौहान पुरा नाम :- पृथ्वीराज चौहानअन्य नाम :- राय पिथौरामाता/पिता :- राजा सोमेश्वर चौहान/कमलादेवीपत्नी :- संयोगिताजन्म :- 1149 ई.राज्याभिषेक :- 1169 ई.मृत्यु :- 1192 ई.राजधानी…

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